लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बुधवार रात कहर बनकर आए आंधी-तूफान ने जमकर तबाही मचाई। इसके कारण अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 47 से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी है, जिसके चलते मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसे में 160 मवेशियों की भी जान चली गई है।
आंधी-पानी से आगरा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 132 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान ने 67 लोगों की जान ले ली। डेढ़ घंटे तक चले इस तबाही के मंजर में 35 लोग घायल हुए जबकि कई लोग बेघर हो गए हैं। यहां 150 पशुओं की भी जान जाने की खबर है। बारिश और ओले गिरने से पेड़-पौधों और फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। विद्युत व्यवस्था भी बेपटरी हो गई है। ज्यादातर इलाके में बिजली गुल है।
उधर, कानपुर मंडल क्षेत्र में आंधी-तूफान के कारण बिजनौर, चित्रकूट, उन्नाव समेत अन्य जिलों में छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। यहां कई स्थान पर मवेशियों की भी जान चली गई। पेड़ गिरने से कई जगह आवागमन भी बाधित रहा। बरेली और सहारनपुर में भी तीन लोगों की मौत हो गई।
अवध के जिलों में भी आंधी-तूफान का असर दिखा। रायबरेली में एक ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि अलग-अलग स्थानों पर कई लोग घायल हुए हैं। अवध में आंधी-पानी के कारण बिजली व्यवस्था पर भारी असर पड़ा। बिजली के पोल गिर जाने और तार टूटने के कारण ज्यादातर जिलों में रात भर बिजली गुल रही। खेतों में रखी कटी हुई गेहूं की फसल आंधी में उड़ गई तो कई खेतों में पानी भर जाने के कारण मड़ाई और कटाई का काम ठप हो गया है।
आंचलिक विज्ञान केंद्र लखनऊ क़े निदेशक जेपी गुप्ता ने कहा है कि अगले 48 घंटे के दौरान प्रदेश के उत्तरी इलाकों और उत्तर पश्चिमी इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज धूल भरे अंधड़ और बारिश का दौर रुक-रुक कर जारी रहेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश और लखनऊ समेत आसपास के क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही और आंशिक आंधी की संभावना है। निदेशक ने बताया कि पाकिस्तान और आसपास के इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अलावा राजस्थान के ऊपर चक्रवातीय दबाव भी सक्रिय है। इसी का असर प्रदेश में है।